फेसबुक से फंसाकर युवती से दुष्कर्म internet
8 October 2014
फेसबुक की दुनिया से धोखा करके युवती से दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने के आरोपी को हौजखास पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। उसने पहले युवती को गलत नाम से दोस्ती का प्रस्ताव भेजा, फिर प्यार के जाल में फंसाकर पूरा षडयंत्र रचा। गलत नाम से युवती को धोखा देने के बाद वह उसे लगातार धमकी दे रहा था। हौजखास पुलिस ने दो महीने की पड़ताल के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला निवासी 48 वर्षीय सुरेंदर चौहान के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक 24 जुलाई को एक युवती ने हौजखास थाने में शिकायत दर्ज कराई। युवती ने बताया कि फरवरी 2013 में उसे विशाल राजपूत नाम के युवक ने फेसबुक पर दोस्ती का प्रस्ताव भेजा। कुछ ही दिनों में वह विशाल से प्यार करने लगी। युवती ने विशाल से मिलने को कहा तो विशाल ने खुद को शूटिंग में व्यस्त बताया। दस महीने तक बातचीत के बाद दिसंबर 2013 में विशाल ने युवती से नेहरू प्लेस आकर मिलने को कहा।
विशाल ने युवती से हरिद्वार में मिलने को कहा। विशाल ने हरिद्वार में उसे अपने गुरुजी से मिलना होगा। युवती इसके लिए भी तैयार हो गई और जनवरी 2014 में वंश राजपूत उसे हरिद्वार लेकर गया। उसने कहा कि विशाल पहले से ही वहां पहुंच गया है। श्वेता अपने प्यार से मिलने की बेताबी में हरिद्वार पहुंच गई। वहां पहुंचकर वंश ने उसकी मांग में सिंदूर भरकर इसे गुरुजी की इच्छा बताई।
उसने कहा कि गुरुजी का कहना है कि छह माह तक युवती उसकी पत्नी रहे, इसी के बाद वह विशाल से शादी कर सकेगी। युवती ने विशाल से बात कराने को कहा तो युवक ने कहा कि विशाल इन दिनों विदेश गया है जहां कुछ दिन रुककर ही वह लौटेगा। वहां से लौटकर युवती ने फोन पर विशाल से बात की तो उसने भी शादी के फैसले को सही ठहराया। युवती का आरोप है कि वंश राजपूत नाम के युवक ने उसका कई बार शारीरिक शोषण कया।
पहले वह विशाल के बाहर गए होने का बहाना बनाता रहा। बाद में कहा कि विशाल अब विदेश में ही सेटल हो गया है। युवती को उसी दिन महसूस हुआ कि वह किसी बड़ी चाल का शिकार हुई है। उसने तत्काल पुलिस से शिकायत करने की बात कही तो वंश राजपूत ने युवती की कई अश्लील तस्वीरें उसके परिवार के लोगों को भेजनी शुरू कर दीं। पुलिस ने युवती की शिकायत पर दुष्कर्म और इंटरनेट फ्रॉड का मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी।
पुलिस ने इंस्पेक्टर सतेंदर सांगवान एसएचओ, जांच अधिकारी हौजखास जस मोहिंदर चौधरी, एसआई रवि बाबू, हेड कांस्टेबल महावीर और कांस्टेबल जितेंदर की टीम बनाकर जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला कि वंश और विशाल सिर्फ फर्जी नाम हैं।
शिकायतकर्ता के पास किसी आरोपी का नंबर भी नहीं था न ही इस नाम से रजिस्टर कोई नंबर पुलिस को मिला। युवती ने बताया कि आरोपी ने उसका सिम कार्ड भी तोड़कर फेंक दिया था जिसमें सारे नंबर थे। इसके अलावा कोई फोटो, पता या नंबर न होने से आरोपी तक पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा था।
पुलिस ने क्रिमिनल इंटेलीजेंस की मदद से बहुत जल्द आरोपी सुरिंदर का पता लगाया और उसे दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी पेशे से ड्राइवर है और उसने पूछताछ में माना कि उसने ही वंश और विशाल नाम का इस्तेमाल युवती को झांसे में लेने के लिए किया था। फिलहाल पुलिस मामले के अन्य पहलुओं की तफ्तीश कर रही है।