सुरंग बनाकर बैंक के 88 लॉकरों से लूटा कई करोड़ों का सामान


पंजाब नेशनल बैंक(PNB) की शाखा में बड़ी चोरी बदमाशों ने 88 लॉकरों को तोड़कर उसमें रखे नकदी, जेवरात व अन्य कीमती सामान साफ कर दिए। पता तब चला जब रविवार की छुट्‌टी के बाद सोमवार को बैंक खुला।

बदमाशों ने बैंक के सामने खाली पड़े मकान से लेकर स्ट्रॉन्ग रूम तक सुरंग खोदी और बड़ी सफाई वारदात को अंजाम दिया। तकरीबन वैसा ही जैसे रोजर डोनाल्डसन की हॉलीवुड मूवी ‘द बैंक जॉब’ में फिल्मी बदमाशों ने किया। 2008 में आई इस 111 मिनट की फिल्म में लंदन बेकर स्ट्रीट में एक दुकान से लेकर सामने स्थित बैंक के स्ट्रॉन्ग रूम तक सुरंग खोदकर लॉकर में रखा कीमती सामान उड़ाया जाता है। सुरंग करीब 100 फीट लंबी, 7 फीट गहरी और 2.5 फीट चौड़ी है।

पुलिस के एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि सुरंग को खोदने में कम से कम 20-25 दिन लगे होंगे। 8 से 10 बदमाशों का गैंग रहा होगा। प्रदेश में जेल में सुरंग खोदने के तो एक-दो प्रयास हुए हैं, लेकिन इस अंदाज में बैंक में चोरी संभवत: पहली बार हुई है। चोरी गए माल की कुल कीमत का अंदाजा अब तक नहीं लगाया जा सका है।


बताया जा रहा है कि घटना को अवकाश के दिन रविवार को अंजाम दिया गया। इस घटना को लेकर लोगों में रोष है और उन्होंने बैंक सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल उठाए हैं। घटना के विरोध में सोमवार को लोगों ने सड़कों पर जाम भी लगाया।

गोहाना जैसे छोटे शहर में इतनी बड़ी सेंधमारी अपने आप में ही बड़ा मामला बन गया है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का जायजा लिया और कार्रवाई में जुट गई है।

पुलिस के अनुसार, सुनियोजित तरीके से बनाई गई इस सुरंग में कम से कम एक महीने का समय लगा होगा। जब बैंक के नीचे से सुरंग बनाई जा रही थी तो बैंक में काम कर रहे कर्मचारियों को किसी भी तरह का आभास नहीं हुआ। सुरंग का एक हिस्सा बैंक के लॉकर रूम में खुला हुआ था, जबकि दूसरा हिस्सा बैंक के लॉकर रूम से लगभग 150 फुट की दूरी पर काफी समय से बंद पड़ी एक बिल्डिंग में मिला।

पुलिस ने बिल्डिंग के कमरों में सुरंग से निकाली गई मिट्टी को इकट्ठा कर लिया है। बिल्डिंग के दरवाजे व खिड़कियों को लकड़ी के बोर्ड की सहायता से सील किया गया है।

बैंक में सुरक्षा के नाम पर लॉकर रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। अन्य बैंकों की तरह पीएनबी में भी रात के समय किसी गार्ड को नियुक्त नहीं किया गया था, जिससे चोर इस घटना को आसानी से अंजाम देने में सफल हो गए।

गोहाना के डीएसपी राजीव देसवाल ने बताया की मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस की चार टीमों के अलावा डॉग स्क्वॉड व फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है। बिल्डिंग के मालिक से भी पूछताछ की जा रही है।


लॉकर से सामान चोरी होने के बाद विलाप करता लॉकर मालिक।
जिनके लॉकर टूटे, वो बदहवास दिखे
नुकसान का फौरन पता नहीं चल सका है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लॉकर टूटने का मतलब मामला कई करोड़ों का है। खबर आग की तरह फैली। कस्बे के कई रसूखदारों के लॉकर इस 20 साल पुरानी ब्रांच में ही हैं। बैंक ग्राहकों की भीड़ लग गई। सब अपनी जमा-पूंजी की खैरखबर चाह रहे थे। जिनके लॉकर टूटे, वो बदहवास दिखे। कई तो रोने लगे। लॉकरों से कितना माल साफ किया, इसका फौरन पता नहीं लग पाया है। बैंक ने ग्राहकों से ही उनके सामानों की जानकारी मांगी है।

अपने लॉकरों का हाल जाने बैंक में लगी भीड़।
भाई बच गया, 4 बजे आकर संभाल लेना 
बैंक के डिमांड ड्राफ्ट काउंटर के पास फोन पर बात कर रहा एक युवक खुशी से उछल रहा था। वह मोबाइल फोन से किसी को सूचना दे रहा था कि भाई अपने नंबर का लॉकर सुरक्षित है। शाम चार बजे आकर एक बार संभाल लिओ। अभी अंदर नहीं जा सकते। उसने नाम तो नहीं बताया पर कहा भगवान का शुक्र है जो जिंदगी की मेहनत की कमाई थी बच गई। 

वारदात की खबर लगते है बैंक के बाहर लगा लोगों का हूजूम। जलेबी विक्रेता पी गया पूरी बोतल पानी
फव्वारा चौक पर स्थित एक जलेबी विक्रेता काफी परेशान दिखा। निढाल सी अवस्था में एक चेयर पर बैठकर पूरी बोतल पानी थोड़ी ही देर में पी गया। उनके पास में खड़ी एक महिला और युवक उसे दिलासा दे रहे थे कि अपना लॉकर सुरक्षित है। परेशान होने की कोई बात नहीं है। अभी पुलिस जांच कर रही है उसके बाद लॉकर आप देख सकेंगे। लेकिन उन्हें शायद इस पर विश्वास नहीं हो रहा था। उन्होंने अपना नाम तो नहीं बताया पर अन्य लोग अग्रवाल साहब कह रहे थे।

बैंक के बाहर जमा लोगों की भीड़। गया सो गया, बैंक कुछ भी नहीं देगा : मैनेजर

पीएनबी बैंक की शाखा के स्ट्रांग रूम में सुरंग बनाकर जिन 88 लोगों के लॉकर साफ हुए हैं, उन ग्राहकों को बैंक आसानी से एक आना भी नहीं देगा। इसके लिए ग्राहकों को कोर्ट में जाकर यह साबित करना होगा कि लॉकर में क्या रखा था। यह साबित करना इतना आसान नहीं है। वहीं लीड बैंक मैनेजर एलएल सुराना ने पूछने पर कहा कि अभी वे इस बारे में कुछ नहीं बता सकते। बैंक के नियमों का हवाले देते हुए कैनरा बैंक के सीनियर मैनेजर बलराम शर्मा ने बताया है कि बैंक सिर्फ लॉकर किराए पर देता है। इसके अंदर क्या रखा गया है क्या नहीं यह सिर्फ ग्राहक को पता होता है। स्ट्रांग रूम मानकों के अनुरूप बना हुआ है तो बैंक कोई क्लेम देने को बाध्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बैंक को पता नहीं होता किसने कैश रखा है किसने जेवरात या हीरे।

कोर्ट में करना होगा साबित

सोनीपत बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट भगत सिंह का कहना है कि कोर्ट के मार्फत क्लेम पाने के लिए पहले शपथ पत्र देकर लॉकर में क्या था यह प्रूफ करना होगा। इसके बाद कोर्ट में सुनवाई चलेगी। यदि ग्राहक के तथ्यों से कोर्ट संतुष्ट हुआ तो बैंक को भुगतान का आदेश देगा और इसे बैंक को मानना होगा।

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