भय्यूजी महाराज ने क्यो गोली मारी Bhayyuji maharaj death reason wikipedia hindi
Bhayyuji maharaj ने इंदौर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली उन्होंने आत्महत्या क्यों की क्या कोई पारिवारिक दबाव में थे या किसी राजनीतिक दबाव में थे
इन तमाम सवालों पर आप तरह-तरह की छोरी और विश्लेषण पहले ही सुन चुके होंगे ज्यादातर विश्लेषण इस बात पर खत्म हो जाएंगे की आत्महत्या के पीछे कौन से पारिवारिक कारण थे या फिर कोई निजी कारण था और कौन से कारण थे या राजनीतिक कारण किस कारण की वजह से हो जी महाराज ने आत्महत्या की
कारण माने जा रहे है
भय्यूजी महाराज संतों के साथ मिलकर नर्मदा घोटाला रथयात्रा निकालने वाले थे इसलिए शिवराज सरकार ने राज्य मंत्री पद का भी लालच दिया पर अब जब भाइयों जी ने खुदकुशी की है तो मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता मानक अग्रवाल यह कहने से नहीं चूक रहे कि भाइयों पर शिवराज सरकार का सुसाईड करने का दवाब था
जब उन्होंने सारी सुविधाएं वापस कर दी भय्यूजी महाराज जी पर mp मुख्यमंत्री ओर बीजेपी का उनके ऊपर दबाव था कि वह bjp के लिए काम करें लेकिन जब महाराज ने इंकार कर दिया था वह तनाव में थे और इसके चलते हुए उन्होंने खुद खुशी कि इस की CBI इंक्वायरी होनी चाहिए दूध का दूध पानी का पानी सामने आ
हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या भय्यूजी महाराज जैसे लोगों को आत्महत्या करने से रोका जा सकता है क्या भाइयों जी महाराज को बचाया जा सकता था और उनके जैसे तो लाखों लोग हैं जो आत्महत्या कर लेते हैं क्या उन्हें बचाया जा सकता है
Bhayyuji maharaj death reason wikipedia
हमारे देश की विडंबना है कि हमारे देश में मीडिया जब आत्महत्या की खबर आप को पहुंचाता है तो सिर्फ यह बताता है कि आत्महत्या हुई पर फिर यह बताता है कि आत्महत्या क्यों हुई किस व्यक्ति की वजह से हुई किन कारणों की वजह से हुई और किस दबाव की वजह से हुई और उसके बाद वह विशेषण समाप्त हो जाता है
aayushi sharma wife bhayyu maharaj
हमारा विशेषण इस बात पर केंद्रित रहेगा कि एक आध्यात्मिक गुरु भेरुजी महाराज का सिर्फ 6 लाइन का एक सुसाइड नोट मिला है जो उन्होंने अंग्रेजी में लिखा है उन्होंने लिखा है कि कोई होना चाहिए जो मेरे परिवार की जिम्मेदारी उठाई उन्होंने लिखा है वह जा रहे हैं क्योंकि वह बहुत तनाव में है और वह बहुत परेशान हो चुके हैं
एक आध्यात्मिक गुरु जी पी एस यानी दिशा सूचक यंत्र की तरह होता है
जो जिंदगी की सड़कों पर भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाता है और आप में से बहुत सारे लोग इसी तरह अपने जीवन में परेशान हो जाते हैं तो आप सब आध्यात्मिक गुरु के पास जाते हैं ताकि वह आपको सही रास्ता दिखा सके लेकिन उसी को खुद अपने लिए ही कोई रास्ता ना मिले तो खुद को गोली मार ले तो यह देख कर दुख भी होता है
और आश्चर्य होता है ऐसा लगता है कि उन्हें अपने लिए कोई रास्ता नहीं पता था और इसी तरह उन्होंने सत्या की एक बजा है और यह एक आध्यात्मिक गुरु की समस्या नहीं है यह भारत के हर व्यक्ति की समस्या बन चुका है उनके अनुसार 2015 में भारत में 56694665 लोगों को उनके जीवन में कभी न कभी डिप्रेशन हुआ है
आज देश के 36% लोग डिप्रेशन का शिकार है
आपको जानकर हैरानी होगी कि कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले 42% लोग डिप्रेशन के शिकार हैं आत्महत्या करने की वजह डिप्रेशन होता है और हमारे देश में डिप्रेशन के शिकार लोगों की संख्या ज्यादा है सबसे बड़ी विडंबना है कि हमारे देश में जिन लोगों को डिप्रेशन है उन्हें खुद नहीं पता होता कि वह डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं और अगर वह डिप्रेशन के शिकार होते भी हैं यह नहीं जानते कि इसका इलाज कैसे करना है
पूरी दुनिया में
2011 से 2015 तक 5 वर्षों में कुल 676118 लोगों ने आत्महत्या की थी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने भारत को दक्षिण पूर्वी एशिया की सुसाइड कैपिटल भी कहा है और इसमें सबसे बड़े खलनायक की भूमिका निभाई है डिप्रेशन और अकेलेपन ने हमें इस प्रवृत्ति को हराना होगा क्योंकि जीवन की कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं है जिसके लिए हत्या कर ली जाए जी महाराज ने डिप्रेशन में अपनी जिंदगी खत्म कर ली जाए
इन तमाम सवालों पर आप तरह-तरह की छोरी और विश्लेषण पहले ही सुन चुके होंगे ज्यादातर विश्लेषण इस बात पर खत्म हो जाएंगे की आत्महत्या के पीछे कौन से पारिवारिक कारण थे या फिर कोई निजी कारण था और कौन से कारण थे या राजनीतिक कारण किस कारण की वजह से हो जी महाराज ने आत्महत्या की
कारण माने जा रहे है
भय्यूजी महाराज संतों के साथ मिलकर नर्मदा घोटाला रथयात्रा निकालने वाले थे इसलिए शिवराज सरकार ने राज्य मंत्री पद का भी लालच दिया पर अब जब भाइयों जी ने खुदकुशी की है तो मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता मानक अग्रवाल यह कहने से नहीं चूक रहे कि भाइयों पर शिवराज सरकार का सुसाईड करने का दवाब था
जब उन्होंने सारी सुविधाएं वापस कर दी भय्यूजी महाराज जी पर mp मुख्यमंत्री ओर बीजेपी का उनके ऊपर दबाव था कि वह bjp के लिए काम करें लेकिन जब महाराज ने इंकार कर दिया था वह तनाव में थे और इसके चलते हुए उन्होंने खुद खुशी कि इस की CBI इंक्वायरी होनी चाहिए दूध का दूध पानी का पानी सामने आ
हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या भय्यूजी महाराज जैसे लोगों को आत्महत्या करने से रोका जा सकता है क्या भाइयों जी महाराज को बचाया जा सकता था और उनके जैसे तो लाखों लोग हैं जो आत्महत्या कर लेते हैं क्या उन्हें बचाया जा सकता है
Bhayyuji maharaj death reason wikipedia
हमारे देश की विडंबना है कि हमारे देश में मीडिया जब आत्महत्या की खबर आप को पहुंचाता है तो सिर्फ यह बताता है कि आत्महत्या हुई पर फिर यह बताता है कि आत्महत्या क्यों हुई किस व्यक्ति की वजह से हुई किन कारणों की वजह से हुई और किस दबाव की वजह से हुई और उसके बाद वह विशेषण समाप्त हो जाता है
aayushi sharma wife bhayyu maharaj
हमारा विशेषण इस बात पर केंद्रित रहेगा कि एक आध्यात्मिक गुरु भेरुजी महाराज का सिर्फ 6 लाइन का एक सुसाइड नोट मिला है जो उन्होंने अंग्रेजी में लिखा है उन्होंने लिखा है कि कोई होना चाहिए जो मेरे परिवार की जिम्मेदारी उठाई उन्होंने लिखा है वह जा रहे हैं क्योंकि वह बहुत तनाव में है और वह बहुत परेशान हो चुके हैं
एक आध्यात्मिक गुरु जी पी एस यानी दिशा सूचक यंत्र की तरह होता है
जो जिंदगी की सड़कों पर भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाता है और आप में से बहुत सारे लोग इसी तरह अपने जीवन में परेशान हो जाते हैं तो आप सब आध्यात्मिक गुरु के पास जाते हैं ताकि वह आपको सही रास्ता दिखा सके लेकिन उसी को खुद अपने लिए ही कोई रास्ता ना मिले तो खुद को गोली मार ले तो यह देख कर दुख भी होता है
और आश्चर्य होता है ऐसा लगता है कि उन्हें अपने लिए कोई रास्ता नहीं पता था और इसी तरह उन्होंने सत्या की एक बजा है और यह एक आध्यात्मिक गुरु की समस्या नहीं है यह भारत के हर व्यक्ति की समस्या बन चुका है उनके अनुसार 2015 में भारत में 56694665 लोगों को उनके जीवन में कभी न कभी डिप्रेशन हुआ है
आज देश के 36% लोग डिप्रेशन का शिकार है
आपको जानकर हैरानी होगी कि कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले 42% लोग डिप्रेशन के शिकार हैं आत्महत्या करने की वजह डिप्रेशन होता है और हमारे देश में डिप्रेशन के शिकार लोगों की संख्या ज्यादा है सबसे बड़ी विडंबना है कि हमारे देश में जिन लोगों को डिप्रेशन है उन्हें खुद नहीं पता होता कि वह डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं और अगर वह डिप्रेशन के शिकार होते भी हैं यह नहीं जानते कि इसका इलाज कैसे करना है
पूरी दुनिया में
2011 से 2015 तक 5 वर्षों में कुल 676118 लोगों ने आत्महत्या की थी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने भारत को दक्षिण पूर्वी एशिया की सुसाइड कैपिटल भी कहा है और इसमें सबसे बड़े खलनायक की भूमिका निभाई है डिप्रेशन और अकेलेपन ने हमें इस प्रवृत्ति को हराना होगा क्योंकि जीवन की कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं है जिसके लिए हत्या कर ली जाए जी महाराज ने डिप्रेशन में अपनी जिंदगी खत्म कर ली जाए
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