संभोग से समाधि की ओर sambhog se samadhi ki aur in hindi pdf free download


Sambhog se samadhi ki aur read online आचार्य श्री रजनीश ओशो की बुक संभोग से समाधि की ओर  काफी रोचक और लोकप्रिय रही दिसंबर 11 को ओशो का जन्मदिन मनाया जाता है क्या आप जानते है एक साधारण बालक छोटे से गांव में पैदा हुआ जो दुनिया का सबसे चर्चित शख्स बना sambhog se samadhi ki aur mp3 sambhog thi samadhi taraf pdf sambhog se samadhi ki aur in gujarati sambhog se samadhi tak in english
ओशो रजनीशका जन्म मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के कुचवाड़ा गांव में हुआ था। ओशो शब्द लैटिन भाषा के शब्द ओशोनिक से लिया गया है, जिसका अर्थ है सागर में विलीन हो जाना। 1960 के दशक में वे 'आचार्य रजनीश' के नाम से एवं 1970-80 के दशक में भगवान श्री रजनीश नाम से और ओशो 1989 के समय से जाने गए।

फिलॉसफी के टीचर थे OSHO ओशो फिलॉसफी के टीचर थे। उनके द्वारा समाजवाद, महात्मा गांधी की विचारधारा तथा संस्थागत धर्म पर की गई अलोचनाओं ने उन्हें विवादास्पद बना दिया

वे काम के प्रति स्वतंत्र दृष्टिकोण के भी हिमायती थे, जिसकी वजह से उन्हें कई भारतीय और फिर विदेशी मैग्जीन में 'सेक्स गुरु' के नाम से भी लिखा गया।

MUMBAI में बनाया शिष्यों का ग्रुप 1970 में ओशो कुछ समय के लिए मुंबई में रुके और उन्होंने अपने शिष्यों को 'नव संन्यास' की शिक्षा दी और अध्यात्मिक मार्गदर्शक की तरह कार्य प्रारंभ किया अपनी देशनाओं में उन्होंने पूरे विश्व के रहस्यवादियों, फिलॉसफर और धार्मिक विचारधाराओं को नया अर्थ दिया osho hindi books free download 77 hindi pdf ebooks of osho sambhog thi samadhi pdf gujarati sambhog se samadhi ki aur read online
1974 में 'पूना' आने के बाद उन्होनें अपने 'आश्रम' की स्थापना की जिसके बाद विदेशियों की संख्या बढ़ने लगी। 1980 में ओशो 'अमेरिका' चले गए और वहां सन्यासियों ने 'रजनीशपुरम' की स्थापना की।

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