भगवान राम का वंशज है ये राजपरिवार, ऐसी हैं फैमिली की लाइफ


Prabhu shriram ke vanshaj - जयपुर.15 अगस्त 1947 देश को अंग्रेजों से आजादी मिलने के साथ ही राजशाही भी खत्म हो गई। इसके बाद भी कई राज परिवार ऐसे रहे जो आज भी उसी शानो-शौकत के लिए जाने जाते हैं। लोग आज भी उन्हें अपना राजा मानते हैं। ऐसा ही है जयपुर राजघराना। बता दें कि एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में जयपुर की महारानी पद्मिनी देवी ने बताया था कि वे राम के वंशज हैं।जानें इस परिवार के बारे में...
भगवान राम का वंशज है ये राजपरिवार, ऐसी है इस रॉयल फैमिली की लाइफ
- इस इंटरव्यू में पद्मिनी ने बताया था कि उनका परिवार राम के बेटे कुश के परिवार के वंशज हैं।
- उनके पति और जयपुर के पूर्व महाराज भवानी सिंह कुश के 309वें वंशज थे।
- 21 अगस्त 1912 को जन्मे महाराजा मानसिंह ने तीन शादियां की थी। पहली शादी 1924 में 12 साल की उम्र में जोधपुर के महाराजा सुमेर सिंह की बहन मरुधर कंवर से हुई थी।
- मानसिंह की दूसरी शादी उनकी पहली पत्नी की भतीजी किशोर कंवर से 1932 में हुई। इसके बाद 1940 में उन्होंने गायत्री देवी से तीसरी शादी की।

12 साल की उम्र में पद्मिनी का पोता बना राजा

- महाराजा सवाई मानसिंह और उनकी पहली पत्नी मरुधर कंवर के बेटे भवानी सिंह की शादी पद्मिनी देवी से हुई थी। उनकी इकलौती बेटी हैं दिया कुमारी।
- दिया कुमारी की शादी नरेंद्र सिंह से हुई। उनके दो बेटे पद्मनाभ सिंह और लक्ष्यराज सिंह हैं और बेटी हैं गौरवी। दिया वर्तमान में सवाई माधोपुर से बीजेपी विधायक हैं।
- पद्मनाभ सिंह 12 साल की उम्र में जयपुर रियासत संभालने लगे तो दूसरे बेटे लक्ष्यराज सिंह ने महज 9 साल में यह जिम्मेदारी संभाली।
- महाराजा ब्रिगेडियर भवानी सिंह का कोई बेटा नहीं था। उन्होंने 2002 में अपनी बेटी दिया कुमारी के बेटों को गोद लिया था। भवानी सिंह के निधन के बाद 2011 में उनके वारिस के तौर पर पद्मनाभ सिंह का राजतिलक हुआ था और छोटे बेटे लक्ष्यराज 2013 में गद्दी पर बैठे।
- हालांकि, देश में रजवाड़ों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है, पर अभी भी राजघरानों में अब भी परंपरा में शामिल राजतिलक की रस्म कर राज्य का वारिसाना हक सिम्बॉलिक तौर पर ट्रांसफर किया जाता है।

गायत्री देवी की बहू का है थाईलैंड राजघराने से रिश्ता

- गायत्री देवी के बेटे जगत सिंह ने थाईलैंड की राजकुमारी प्रियनंदना रंगसित से शादी की थी। देवराज और लालित्या उन्हीं की संतान हैं। आगे चल कर जगत सिंह और प्रियनंदना के रिश्ते में खटास आ गई और दोनों अलग हो गए।
- राजकुमारी प्रियनंदना अपने बेटे देवराज और बेटी लालित्या को लेकर थाईलैंड लौट गईं। जगत सिंह की 1997 में मौत हो गई।

ऐसी है लाइफस्टाइल
- महारानी पद्मिनी देवी अक्सर शहर में होने वाले छोटे-बड़े कार्यक्रमों में चीफ गेस्ट बनकर पहुंचती हैं।
- वहीं, उनकी बेटी दिया कुमारी सवाई माधोपुर से एमएलए हैं। वे अक्सर राजस्थान में होने वाले कई इवेंट्स में दिखती हैं।
- इसके साथ दिया कुमारी के बेटे और जयपुर के राजा पद्मनाभ सिंह इंडिया की पोलो टीम के प्लेयर हैं।
- ये परिवार जयपुर में होने वाली रॉयल पार्टियों में अक्सर देखा जाता है।

0 Response to "भगवान राम का वंशज है ये राजपरिवार, ऐसी हैं फैमिली की लाइफ "

Post a Comment

Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 1

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel