रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व पौराणिक ग्रंथों में Raksha bandhan ka itihas in hindi importance


10 lines about raksha bandhan
  • भारत के संस्कृति और परम्परा का एक प्रतीक है Rakshabandhan
  • इस त्यौहार को भारत के हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्म के लोग मिल कर बनाते हैं
  • रक्षाबंधन हुन्दुओं का एक एक प्रमुख त्यौहार है।
  • यह त्यौहार भाई-बहन के परस्पर प्रेम का प्रतीक है। 
  • इस दिन बहिन भाईओं को एक रक्षा सूत्र बांधती है। 
  • प्रत्येक भाई बहनों को हर स्थिति में रक्षा देने का वचन देते है 
  • इस दी लोग अपने घरों को स्वच्छ रखते है 
  • सभी घरों में स्वादिष्ट पकवान और मिष्ठान बनाये जाते हैं 
  • पूजा के समय सभी भाई-बहन सुन्दर और नए वस्त्र पहनते हैं। 
  • रक्षासूत्र बाँधने पर प्रायः भाई बहनों को उपहार देते हैं
 Itihas & importance Raksha bandhan
दरअसल श्रावण मास को भगवान शिव की पूजा का माह मानते हुए धार्मिक रुप से बहुत महत्व दिया जाता है। चूंकि रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है इसलिये इसका महत्व बहुत अधिक हो जाता है। आइये जानते हैं रक्षांधन के धार्मिक महत्व को बताने वाले अन्य पहलुओं के बारे में। धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख रक्षाबंधन के त्यौहार की उत्पत्ति धार्मिक कारणों से मानी जाती है जिसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में, कहानियों में मिलता है। इस कारण पौराणिक काल से इस त्यौहार को मनाने की यह परंपरा निरंतरता में चलती आ रही है। चूंकि देवराज इंद्र ने रक्षासूत्र के दम पर ही असुरों को पराजित किया, चूंकि रक्षासूत्र के कारण ही माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को राजा बलि के बंधन से मुक्त करवाया, महाभारत काल की भी कुछ कहानियों का उल्लेख रक्षाबंधन पर किया जाता है अत: इसका त्यौहार को हिंदू धर्म की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

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