गला बैठना कारण और चिकित्सा..Gala Bethne Par Kya Kare


कई बार अत्यधिक बोलने से या सर्दी-जुकाम की वजह से हमारा गला बेठ जाता हे. आज की इस पोस्ट में, में आपको इसके कारण और बचाव के उपाय बताऊंगा.

कारण
स्वर यन्त्र में सूजन आने, जोर-जोर से अधिक बोलने, सर्दी, जुकाम, अधिक खाँसी गले में घाव आदि कारणों से आवाज बैठ जाती है. गले में कैंसर, हिस्टीरिया, पक्षाघात (लकुआ) हो जाने से भी गला बैठ जाता है. अधिक दिनों तक बैठी आवाज के लिए तुरन्त चिकित्सा करानी चाहिए.

1. जोर-जोर से भाषण या बातचीत करने के कारण
कच्चा सुहाग बिना भुना एक मटर के दाने के बराबर मुँह में रखे और उसका रस चूसे. 2-3 घन्टे में गला बिल्कुल ठीक हो जाता है. उपदेशको और गायको की बैठी हुई आवाज खोलने के लिए अत्युत्तम दवा है.

2. गरम ठण्डा खाने पीने के कारण गला पकड़ने पर
सोते समय एक ग्राम मुलहठी के टुकड़े को मुँह में रख कर कुछ देर चबाते रहे फिर वैसे ही मुँह में रखकर सोये.प्रातः काल तक गला अवश्य साफ हो जायगा. मुलहठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रख कर खाने से भी गला खुल जाता है. गले का दर्द व् सूजन की दूर होती है.

3. सर्दी जुकाम के कारण बैठने पर
रात को सोते समय सात काली मिर्च और बतासे या मिश्री मुँह में रखकर धीरे-धीरे चूसने से बैठा गला खुल जाता है. गला बैठ जाये, गले में ललाई या सूजन हो जाय तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर नमक डालकर तीन-चार बार गरारे करने से लाभ होता है. एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद डालकर गरारे करने से आवाज खुल जाती है. अजवाइन और शक्कर उबाल कर दो बार पिने से गला खुल जाता है आधा चम्मच अदरक का रस चौथाई कप गर्म पानी में मिलाकर आधा-आधा घण्टा के अंतर से चार बार पिने से सर्दी, खट्टी चीजो के खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है.

1 Response to

  1. Sab usse kar liya aur kai docator ko dekha liya koi aram ni mil raha gale se aawaj ni nikal rahi

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