6 मान्यताएं हे तिरुपति बालाजी से जुडी story tirupati balaji
29 September 2016
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Tirupati balaji history live darshan“बजरंग बाला फेरु थारी माला” भगवान बालाजी का स्वरूप सबसे निराला हे. तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमाला पहाड़ो में हे. यह बहुत पुराना मंदिर हे. इसे तिरुमाला वेकटेश्वर भी कहा जाता हे. आईये जानते हे इस मंदिर से जुडी कुछ मान्यताएं.
1. इस मंदिर में बालाजी की मूर्ति पर लगे बाल उनके असली बाल हे और कहा भी जाता हे की यह बाल कभी उलझते नहीं हे.
2. तिरुपति बालाजी की मूर्ति का पिछला हिस्सा हमेशा नम रहता हे. यदि ध्यान से कान लगाकर सुने तो सागर की आवाज आती हे.
3. मूर्ति पर चड़ाए जाने वाले सभी फुल और पत्तों को भक्तों में ना बांटकर परिसर के पीछे बने कुएं में फेंक दिया जाता हे.
4. गुरूवार के दिन बालाजी की मूर्ति को सफ़ेद चन्दन से रंग दिया जाता हे और जब इस लेप को हटाया जाता हे तो माता लक्ष्मी के चिन्ह बने रह जाते हे.
5. मंदिर के पुजारी मूर्ति के पुष्पों को पुरे दिन पीछे फेंकते रहते हे और उन्हें नहीं देखते हे. कहा जाता हे की उन्हें देखना अच्छा नहीं माना जाता.
यह भी पढे - सफल लोग सोने से पहले करते हे यह काम
2. तिरुपति बालाजी की मूर्ति का पिछला हिस्सा हमेशा नम रहता हे. यदि ध्यान से कान लगाकर सुने तो सागर की आवाज आती हे.
3. मूर्ति पर चड़ाए जाने वाले सभी फुल और पत्तों को भक्तों में ना बांटकर परिसर के पीछे बने कुएं में फेंक दिया जाता हे.
4. गुरूवार के दिन बालाजी की मूर्ति को सफ़ेद चन्दन से रंग दिया जाता हे और जब इस लेप को हटाया जाता हे तो माता लक्ष्मी के चिन्ह बने रह जाते हे.
5. मंदिर के पुजारी मूर्ति के पुष्पों को पुरे दिन पीछे फेंकते रहते हे और उन्हें नहीं देखते हे. कहा जाता हे की उन्हें देखना अच्छा नहीं माना जाता.
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6. इस मंदिर में एक दिया कभी से जल रहा हे. किसी को नहीं पता हे की वो कब जलाया गया था.
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