पान खाने के फायदे paan khane ke fayde betel leaf benefits
betel leaf benefits in hindi भारतीय संस्कृति में शुभता का प्रतीक माना जाता है पान इसलिए इसे पूजन में रखे जाने का एक बड़ा कारण मना जाता है आइए जानते हैं पान के कुछ Swasthya Labh के बारे में
पान हजम शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही वज़न को नियंत्रित करने में भी मदद करता है
जब पान को काली मिर्च के साथ खाया जाता है तब वज़न घटाने के प्रक्रिया और भी असरदार रूप में काम करने लगती है
पान के पत्ते का अर्क gastroprotective (पेट के छाले) रोकने में मदद करने के लिए जाना जाता है(यहाँ देखे खाना खाने के तरीके भोजन नियम)
सिरदर्द में राहत पान भी एनाल्जेसिक गुण के लिए जाना जाता है इसलिए प्रभावी ढंग से सिर में दर्द कम करने के लिए जाना जाता है।
पान को चबाने से चयापचय (metabolism) का दर बढ़ जाता है, मुँह में लार बनने लगता है जो खाने को जल्दी हजम करवाने में मदद करता है। साथ ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता करता है। इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होने के कारण भूख कम लगती है और कब्ज़ की बीमारी से भी राहत मिलती है Paan Sanso ki badbu ko dur karta hai
प्रयोग कैसे करे :- एक पान का पत्ता लें और उसमें 5 साबुत काली मिर्च रखें। फिर इसे मोड़ कर चबाएं। इसे खाली पेट रोजाना 8 हफ्तों तक खाएं। यह खाने में तीखा लगेगा। इसे धीरे धीरे चबा कर खाएं जिससे इसके सभी पेाषण आपके थूक के साथ आराम से पेट के अंदर जाएं
इससे उसकी पूरी पौष्टिकता लार के साथ पेट में चली जाएगी़। रोज सुबह खाली पेट इसको आठ हफ़्ते तक खायें और अपने वज़न में आए अंतर को देखें।
पान की पत्ती हमेशा ताजी होनी चाहिये। यह हरे रंग की और नाजुक होनी चाहिये। अगर यह सूखी हुई और पीले रंग की पड़ गई है तो ऐस ना खाएं क्योंकि इसमें समाए सभी औषधीय मूल्य खो चुके होते हैं।
इसके अलावा सड़ी हुई पत्ती जिसका रंग काला पड़ चुका है उसे भी ना खाएं नहीं तो पेट खराब होने का डर रहता है। मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे।
फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।
Improves digestion
पान हजम शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही वज़न को नियंत्रित करने में भी मदद करता है
जब पान को काली मिर्च के साथ खाया जाता है तब वज़न घटाने के प्रक्रिया और भी असरदार रूप में काम करने लगती है
Treats gastric ulcers:
पान के पत्ते का अर्क gastroprotective (पेट के छाले) रोकने में मदद करने के लिए जाना जाता है(यहाँ देखे खाना खाने के तरीके भोजन नियम)
Relieves headache:
सिरदर्द में राहत पान भी एनाल्जेसिक गुण के लिए जाना जाता है इसलिए प्रभावी ढंग से सिर में दर्द कम करने के लिए जाना जाता है।
पान को चबाने से चयापचय (metabolism) का दर बढ़ जाता है, मुँह में लार बनने लगता है जो खाने को जल्दी हजम करवाने में मदद करता है। साथ ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता करता है। इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होने के कारण भूख कम लगती है और कब्ज़ की बीमारी से भी राहत मिलती है Paan Sanso ki badbu ko dur karta hai
Cures constipation: कब्ज से राहत मिलती है
प्रयोग कैसे करे :- एक पान का पत्ता लें और उसमें 5 साबुत काली मिर्च रखें। फिर इसे मोड़ कर चबाएं। इसे खाली पेट रोजाना 8 हफ्तों तक खाएं। यह खाने में तीखा लगेगा। इसे धीरे धीरे चबा कर खाएं जिससे इसके सभी पेाषण आपके थूक के साथ आराम से पेट के अंदर जाएं
इससे उसकी पूरी पौष्टिकता लार के साथ पेट में चली जाएगी़। रोज सुबह खाली पेट इसको आठ हफ़्ते तक खायें और अपने वज़न में आए अंतर को देखें।
पान की पत्ती हमेशा ताजी होनी चाहिये। यह हरे रंग की और नाजुक होनी चाहिये। अगर यह सूखी हुई और पीले रंग की पड़ गई है तो ऐस ना खाएं क्योंकि इसमें समाए सभी औषधीय मूल्य खो चुके होते हैं।
इसके अलावा सड़ी हुई पत्ती जिसका रंग काला पड़ चुका है उसे भी ना खाएं नहीं तो पेट खराब होने का डर रहता है। मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे।
फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।
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