रामायण के इन 3 पात्रों से सीखें कुछ भी कैसे पाया जा सकता है
24 April 2016
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महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण एक ऐसा ग्रंथ है, जिससे काफी कुछ सीखने को मिलता है। रामायण की वो बातें वर्तमान दौर में उतनी प्रासंगिक है, जितनी त्रेतायुग में थीं। रामायण में भगवान राम का चरित्र तो अद्वितीय है ही, लेकिन रामायण के अन्य पात्रों से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
शबरी : शबरी एक शिकारी की पुत्री थीं। वह आदिवासी समुदाय से थीं। रामायण के अनुसार शबरी एक मुनि के आश्रम में रहती थी। जहां उन ऋषियों ने कहा यहां हरि के अवतार राम आएंगे। उनके दर्शन अगर होते हैं तो तुम्हें मोक्ष मिल जाएगा। इसलिए वह दशकों से श्रीराम का इंतजार करती रहीं और जब राम आए तब वह श्रीराम के एकटक कई समय तक देखती रहीं। बाद में शबरी को भी मोक्ष प्राप्त हुआ और वो मृत्यु के बाद विष्णुलोक पहुंचीं।
शिक्षा: आस्था और विश्वास के बल पर कुछ भी पाया जा सकता है। शबरी को विश्वास था की राम उनसे मिलने जरूर आएंगे। और श्रीराम, शबरी से मिलने आए। इसके बाद शबरी को मोक्ष मिला
जामवंत : जामवंत एक बुद्धिमान और अनुभवी सेनापति थे। वह एक रणनीतिक सोच रखते थे, जिसके कारण ही वो युद्ध में विजय प्राप्त करते आए थे। सुग्रीव की सलाह पर ही भगवान श्रीराम ने रावण से युद्ध के दौरान जामवंत को सेना का सेनापति बनाया था। और सेना में नल-नील, हनुमानजी को भी शामिल किया था। सुग्रीव की सलाह पर जामवंत ने सेनापित के रूप में अपने युद्ध कौशल और रणनीतिक तरीकों से रावण की सेना को हराया। इस तरह श्रीराम ने रावण का अंत कर दिया।
शिक्षा: कोई भी काम करें उसकी एक रणनीति होनी चाहिए। ऐसा करने पर आपकी सफलता निश्चित रहती है।
जटायु : जटायु, संपाति के भाई थे। जब रावण, सीता जी का अपहरण करके लंका ले जा रहा था, तब जटायु ने उन्हें बचाया था। लेकिन रावण ने जटायु का एक पर काट दिया था। जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। बाद में श्रीराम ने जटायु का अंतिम संस्कार और गया में पिंडदान किया था। जटायु मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त हुआ। जटायु एक महत्वपूर्ण खोजकर्ता थे। उन्होनें ही सर्वप्रथम यह बताया था रावण, सीता जी को लंका ले जा रहा था। (यहाँ क्लिक कर जाने इन 8 तरह के लोगों पर कभी न करें भरोसा इन से दूर ही रहना चाहिए)
शिक्षा: हमेशा एक खोजकर्ता बनिए, नया ज्ञान खोजिए। नए लोगों से संवाद कीजिए। और अपरिचित लोगों की सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहिए।
शबरी : शबरी एक शिकारी की पुत्री थीं। वह आदिवासी समुदाय से थीं। रामायण के अनुसार शबरी एक मुनि के आश्रम में रहती थी। जहां उन ऋषियों ने कहा यहां हरि के अवतार राम आएंगे। उनके दर्शन अगर होते हैं तो तुम्हें मोक्ष मिल जाएगा। इसलिए वह दशकों से श्रीराम का इंतजार करती रहीं और जब राम आए तब वह श्रीराम के एकटक कई समय तक देखती रहीं। बाद में शबरी को भी मोक्ष प्राप्त हुआ और वो मृत्यु के बाद विष्णुलोक पहुंचीं।
शिक्षा: आस्था और विश्वास के बल पर कुछ भी पाया जा सकता है। शबरी को विश्वास था की राम उनसे मिलने जरूर आएंगे। और श्रीराम, शबरी से मिलने आए। इसके बाद शबरी को मोक्ष मिला
जामवंत : जामवंत एक बुद्धिमान और अनुभवी सेनापति थे। वह एक रणनीतिक सोच रखते थे, जिसके कारण ही वो युद्ध में विजय प्राप्त करते आए थे। सुग्रीव की सलाह पर ही भगवान श्रीराम ने रावण से युद्ध के दौरान जामवंत को सेना का सेनापति बनाया था। और सेना में नल-नील, हनुमानजी को भी शामिल किया था। सुग्रीव की सलाह पर जामवंत ने सेनापित के रूप में अपने युद्ध कौशल और रणनीतिक तरीकों से रावण की सेना को हराया। इस तरह श्रीराम ने रावण का अंत कर दिया।
शिक्षा: कोई भी काम करें उसकी एक रणनीति होनी चाहिए। ऐसा करने पर आपकी सफलता निश्चित रहती है।
जटायु : जटायु, संपाति के भाई थे। जब रावण, सीता जी का अपहरण करके लंका ले जा रहा था, तब जटायु ने उन्हें बचाया था। लेकिन रावण ने जटायु का एक पर काट दिया था। जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। बाद में श्रीराम ने जटायु का अंतिम संस्कार और गया में पिंडदान किया था। जटायु मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त हुआ। जटायु एक महत्वपूर्ण खोजकर्ता थे। उन्होनें ही सर्वप्रथम यह बताया था रावण, सीता जी को लंका ले जा रहा था। (यहाँ क्लिक कर जाने इन 8 तरह के लोगों पर कभी न करें भरोसा इन से दूर ही रहना चाहिए)
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