बांझपन का इलाज कारण आयुर्वेदिक उपचार infertility treatment in ayurveda hindi


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संतानोत्त्पत्ति क्षमता न होने या गर्भ न ठहर पाने की स्थिति को बन्ध्यापन (बांझपन) कहते हैं। पुरुषों के शुक्र दोष और स्त्रियों के रजोदोष के कारण ही ऐसा होता है अत: बंध्यापन चिकित्सा में पुरुषों के वीर्य में वीर्य कीटों को स्वस्थ करने, वीर्य को शुद्ध करने की व्यवस्था करें और स्त्रियों को रजोदोष से मुक्ति करें। इससे संतान की प्राप्ति होगी

बंध्या दोष दो प्रकार का होता है। पहला प्राकृतिक जो जन्म से ही होता है। दूसरा जो किन्ही कारणों से हो जाता है। इसमें पहले प्रकार के बांझपन की औषधि नहीं है। दूसरे प्रकार के बांझपन की औषधियां हैं। जिनके सेवन से बांझपन दूर हो जाता है।

कारण: - किसी भी प्रकार का योनि रोग, मासिक-धर्म का बंद हो जाना, प्रदर, गर्भाशय में हवा का भर जाना, गर्भाशय पर मांस का बढ़ जाना, गर्भाशय में कीड़े पड़ जाना, गर्भाशय का वायु वेग से ठंडा हो जाना, गर्भाशय का उलट जाना अथवा जल जाना आदि कारणों से स्त्रियों में गर्भ नहीं ठहरता है।

Infertility treatment in ayurveda hindi 


इन दोषों के अतिरिक्त कुछ स्त्रियां जन्मजात वन्ध्या (बांझ) भी होती है। जिन स्त्रियों के बच्चे होकर मर जाते हैं। उन्हें ``मृतवत्सा वन्ध्या`` तथा जिनके केवल एक ही संतान होकर फिर नहीं होती है तो उन्हें `काक वन्ध्या` कहते हैं। पेडू के सूजन की बीमारी भी बार-बार गर्भपात से होती है। पीआईडी एक खतरनाक बीमारी है जो कि बांझपन का कारण भी बन सकती है।

यह फैलोपियन ट्यूब के ऊतकों पर घाव पैदा कर सकती है जिससे आगे चलकर प्रजनन क्षमता में कमी होती है। कभी कभी पीआईडी गर्भपात या अबॉरशन के बाद भी हो सकती है। पीआईडी है से ग्रसित महिलाओं में अस्थानिक गर्भावस्था का खतरा भी बढ़ जाता है।

लक्षण:- बांझपन का लक्षण गर्भ का धारण नहीं करना होता है जिसे infertility कहते है।

विभिन्न औषधियों से उपचार: home remedies for infertility in hindi

मैनफल

मैनफल के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम केशर के साथ शक्कर मिले दूध के साथ सेवन करने से बन्ध्यापन अवश्य दूर होता है। साथ ही मैनफल के बीजों का चूर्ण 8 से 10 रत्ती गुड़ में मिलाकर बत्ती बनाकर योनि में धारण करना चाहिए। दोनों प्रकार की औषधियों के प्रयोग से गर्भाशय की सूजन, मासिक-धर्म का कष्ट के साथ आना, अनियमित स्राव आदि विकार नष्ट हो जाते हैं।

दालचीनी

वह पुरुष जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ होता है, यदि प्रतिदिन तक सोते समय दो बड़े चम्मच दालचीनी ले तो वीर्य में वृद्धि होती है और उसकी यह समस्या दूर हो जाएगी। जिस स्त्री के गर्भाधान ही नहीं होता, वह चुटकी भर दालचीनी पावडर एक चम्मच शहद में मिलाकर अपने मसूढ़ों में दिन में कई बार लगायें। थूंके नहीं। इससे यह लार में मिलकर शरीर में चला जाएगा।

एक दम्पत्ति को 14 वर्ष से संतान नहीं हुई थी, महिला ने इस विधि से मसूढ़ों पर दालचीनी, शहद लगाया, वह कुछ ही महीनों में गर्भवती हो गई और उसने पूर्ण विकसित दो सुन्दर जुड़वा बच्चों का जन्म दिया।

गुग्गुल

गुग्गुल एक ग्राम और रसौत को मक्खन के साथ मिलाकर प्रतिदिन तीन खुराक सेवन करने से श्वेतप्रदर के कारण जो बन्ध्यापन होता है। वह दूर हो जाता है। अर्थात श्वेतप्रदर दूर होकर बन्ध्यापन (बांझपन) नष्ट हो जाता है

बांझपन का कारण एवं चिकित्सा Infertility treatment 

  • 1. कालानमक: स्त्री का माथा दुखे तो समझना चाहिए कि गर्भाशय खुश्क है। इसके लिए सेंधानमक, लहसुन, समुद्रफेन 5-5 ग्राम की मात्रा में पीसकर रख लें, फिर 5 ग्राम दवा को पानी में पीसकर रूई में लगाकर योनि के अन्दर गर्भाशय के मुंह पर सोते समय 3 दिन तक रखना चाहिए। इससे गर्भाशय की खुश्की मिट जाती है।
  • 2. हींग: यदि स्त्री का अंग कांपे तो गर्भाशय में वायुदोष समझना चाहिए। इसके लिए हींग को पीसकर तिल के तेल में मिलाकर रूई में लगाकर गर्भाशय के मुंह पर 3 दिनों तक लगातार रखना चाहिए। इससे गर्भ अवश्य ही स्थापित हो जाता है।
  • 3. जीरा: यदि स्त्री की कमर में दर्द हो रहा हो समझ लेना चाहिए कि उसके गर्भाशय के अन्दर का मांस बढ़ गया है। इस रोग के लिए हाथी के खुर को पूरी तरह जलाकर बिल्कुल बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस 5 ग्राम चूर्ण को काला जीरा के साथ मिलाकर इसमें अरण्डी का तेल भी मिला लें। इस तेल को एक रूई के फाये में लगाकर योनि में गर्भाशय के मुंह पर लगातार 3 दिन तक रखें। इससे इस रोग में लाभ होता है।
  • 4. सेवती: यदि स्त्री का पूरा शरीर दुखे तो समझना चाहिए कि गर्भाशय में गर्मी अधिक है। जिसके कारण गर्भधारण नहीं होता है। इसके लिए सेवती के फूलों के रस में तिलों का तेल मिलाकर रूई में लगाकर गर्भाशय के मुंह पर तीन दिन तक लगातार रखना चाहिए।
  • 5. राई: यदि स्त्री की पिण्डली दुखती हो तो समझना चाहिए कि गर्भाशय में अधिक ठंडक है। इसके लिए राई, कायफल, हरड़, बहेड़ा 5-5 ग्राम की मात्रा में कूट-छानकर रख लें, फिर एक ग्राम दवा साबुन के पानी में मिलाकर रूई में लगाकर गर्भाशय के मुंह पर रखना चाहिए। इसके प्रयोग से स्त्रियां गर्भधारण करने के योग्य बन जाती हैं।
  • 6. काला जीरा: यदि स्त्री का पेट दुखे तो समझना चाहिए कि गर्भाशय में जाला है। इसके लिए काला जीरा, सुहागा भुना हुआ, बच, कूट 5-5 ग्राम कूट छान लें, फिर एक ग्राम दवा पानी में पीसकर रूई में लगाकर गर्भाशय के मुंह पर तीन दिन तक रखना चाहिए।
  • 7. सौंफ: बन्ध्या (बांझ औरत) औरत यदि 6 ग्राम सौंफ का चूर्ण घी के साथ तीन महीने तक सेवन करें तो निश्चित रूप से वह गर्भधारण करने योग्य हो जाती है। यह कल्प मोटी औरतों के लिए खासकर लाभदायक है। यदि औरत दुबली-पतली हो तो उसमें शतावरी चूर्ण मिलाकर देना चाहिए। 6 ग्राम शतावरी मूल का चूर्ण 12 ग्राम घी और दूध के साथ सेवन करने से गर्भाशय की सभी बीमारियां दूर होती हैं और गर्भ की स्थापना होती है

8 Responses check and comments

  1. Gonadotropine is very low during pregnancy.what remady should be adopted to increase this Harmon's label so Thai miscarries not occurred.

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  2. Some signs that a woman is not ovulating normally include irregular or absent menstrual periods. Ovulation problems are often caused by polycystic ovarian syndrome (PCOS). PCOS is a hormone imbalance problem which can interfere with normal ovulation. PCOS is the most common cause of female infertility.Visit http://azoospermia.in/

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  3. Infertility in medicinal terms stands for the failure to get a medical pregnancy even after 12 months of regular unprotected intercourse. Natural infertility treatment work naturally with your body, and target the biggest symptom of infertility – an inability to have voluminous, high quality semen.

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  4. Get over male infertility issue with the help of herbal supplement once and for all. It targets the root cause of male infertility. It delivers long lasting results.

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  5. Very useful post. Get rid of male infertility with natural remedies in the form of capsule. It is proven to be safe and effective.

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  6. Baby capsule is a top rated natural male infertility treatment.

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  7. very useful tips. Apart from it you can also consider taking natural male infertility baby capsule. It is both safe and effective.

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  8. Herbal treatment for male infertility is very useful and it provides long term effect and beneficial.

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