गूगल के खिलाफ CBI जांच google se nuksan bharat ko
13 February 2019
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Internet company google disadvantages देश के सैन्य और सामरिक महत्व के ठिकानों के नक्शे उतारना अमेरिकी इंटरनेट सर्च इंजन गूगल के लिए महंगा पड़ने जा रहा है। इसके चलते वह सीबीआइ जांच के दायरे में आ गई है।
सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआइ ने गूगल के खिलाफ प्रारंभिक जांच [पीई] रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप है कि गूगल ने मैपाथान 2013 प्रतियोगिता के दौरान कानूनन वर्जित देश के सैन्य व सामरिक महत्व के ठिकानों के नक्शे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर नियमों का उल्लंघन किया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गूगल ने उन संवेदनशील प्रतिष्ठानों के नक्शे उतारे, जिन्हें देश के मानचित्र में भी नहीं दर्शाया गया है। इतना ही नहीं अमेरिकी इंटरनेट कंपनी ने फरवरी, मार्च, 2013 में मैपाथान प्रतियोगिता के आयोजन से पूर्व भारत की आधिकारिक मानचित्र एजेंसी भारतीय सर्वेक्षण विभाग से भी अनुमति नहीं ली
गूगल ने देश भर के लोगों से अपने पड़ोस खासकर अस्पतालों और रेस्त्रां के नक्शे सर्च इंजन को भेजने के लिए कहा था। अमेरिकी कंपनी की इस प्रतियोगिता के आयोजन से सर्वेक्षण विभाग के कान खड़े हो गए। उसने गूगल से प्रतियोगिता के दौरान मिले सभी नक्शों का ब्योरा साझा करने के लिए कहा।
नक्शों के निरीक्षण में पाया गया कि गूगल के कब्जे में कई ऐसे संवेदनशील सैन्य ठिकानों के मानचित्र आए गए थे, जिन्हें कानूनन सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआइ ने गूगल के खिलाफ प्रारंभिक जांच [पीई] रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप है कि गूगल ने मैपाथान 2013 प्रतियोगिता के दौरान कानूनन वर्जित देश के सैन्य व सामरिक महत्व के ठिकानों के नक्शे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर नियमों का उल्लंघन किया है।
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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गूगल ने उन संवेदनशील प्रतिष्ठानों के नक्शे उतारे, जिन्हें देश के मानचित्र में भी नहीं दर्शाया गया है। इतना ही नहीं अमेरिकी इंटरनेट कंपनी ने फरवरी, मार्च, 2013 में मैपाथान प्रतियोगिता के आयोजन से पूर्व भारत की आधिकारिक मानचित्र एजेंसी भारतीय सर्वेक्षण विभाग से भी अनुमति नहीं ली
गूगल ने देश भर के लोगों से अपने पड़ोस खासकर अस्पतालों और रेस्त्रां के नक्शे सर्च इंजन को भेजने के लिए कहा था। अमेरिकी कंपनी की इस प्रतियोगिता के आयोजन से सर्वेक्षण विभाग के कान खड़े हो गए। उसने गूगल से प्रतियोगिता के दौरान मिले सभी नक्शों का ब्योरा साझा करने के लिए कहा।
नक्शों के निरीक्षण में पाया गया कि गूगल के कब्जे में कई ऐसे संवेदनशील सैन्य ठिकानों के मानचित्र आए गए थे, जिन्हें कानूनन सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
इस सच्चाई के उजागर होने के बाद सर्वेक्षण विभाग ने नियमों के उल्लंघन के बारे में गृह मंत्रालय से शिकायत की। उसने मंत्रालय को बताया कि राष्ट्रीय मानचित्र नीति 2005 के अनुसार केवल वही प्रतिबंधित क्षेत्रों का सर्वे और नक्शा उतारने के लिए सक्षम एजेंसी है।
कोई भी दूसरी सरकारी और गैर सरकारी संस्था इस काम को नहीं कर सकती है। अधिकारियों का कहना है कि शुरू में दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच की, लेकिन मामला पूरे देश भर का होने के चलते इसे सीबीआइ को सौंप दिया गया। सूत्रों का कहना है
कि अगर जरूरी हुआ तो इस मामले में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआइ की मदद से गूगल के कुछ अधिकारियों से पूछताछ हो सकती है। (यहाँ क्लिक कर सीखे गूगल पर फोटो कैसे अपलोड करते है)
इस प्रकरण में सीबीआइ कुछ सैन्य अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है ताकि यह पता चल सके कि संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों के नक्शे आखिरकार अमेरिकी इंटरनेट कंपनी के हाथ लगे कैसे? अधिकारियों को आशंका है कि मैपाथान प्रतियोगिता में विजयी होने के चक्कर में लोगों ने अपने शहर स्थित संवेदनशील ठिकानों के नक्शे गूगल को मुहैया करा दिए हों।
कोई भी दूसरी सरकारी और गैर सरकारी संस्था इस काम को नहीं कर सकती है। अधिकारियों का कहना है कि शुरू में दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच की, लेकिन मामला पूरे देश भर का होने के चलते इसे सीबीआइ को सौंप दिया गया। सूत्रों का कहना है
कि अगर जरूरी हुआ तो इस मामले में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआइ की मदद से गूगल के कुछ अधिकारियों से पूछताछ हो सकती है। (यहाँ क्लिक कर सीखे गूगल पर फोटो कैसे अपलोड करते है)
इस प्रकरण में सीबीआइ कुछ सैन्य अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है ताकि यह पता चल सके कि संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों के नक्शे आखिरकार अमेरिकी इंटरनेट कंपनी के हाथ लगे कैसे? अधिकारियों को आशंका है कि मैपाथान प्रतियोगिता में विजयी होने के चक्कर में लोगों ने अपने शहर स्थित संवेदनशील ठिकानों के नक्शे गूगल को मुहैया करा दिए हों।
wow yaaar great article
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