स्तन को सुडौल बनाने के आयुर्वेदिक धरेलू उपाय FEMALE


आयुर्वेद में उपाय - लसोडे की पत्तियों का सत्व, छोटी इलायची, कमल गट्टे की मिंगी का पावडर, अनार का पांचांग (जड़, डंढल, पत्ता फूल, फल या अनार के छिलके) माजूफल, शतावरी सबको मिला कर उसका लेप तैयार कर लें। अब स्तन पर लेप करें। ये लेप त्वचा के भीतर तक जाकर स्तनों की मांसपेशियों को पुष्ट बनाते हैं।

अश्वगंधा चूर्ण (बाजार में उपलब्ध) रोजाना छह से दस ग्राम तक दूध के साथ सेवन करें।




अनार पांचांग तेल ये भी स्तनों के विकास के लिये जरूरी है। इस तेल से नियमित दिन में दो बार मालिश करते रहें। स्तन फिर से सुडौल होने लगेंगे। अनार तेल के मसाज से कोशिकाओ में रक्त संचार तेजी से शुरू होता है। स्तनों की मांस पेशिययों में तंतुओं की मात्रा बढ़ने लगती है। स्तन में मजबूती व कठोरता आने लगती है। ये उपयोग लगातार एक माह तक अवश्य करें।

नोट - यदि अनार तेल न मिले, तो ऊपर बताया गया पांचांग का मतलब उसे लेकर सरसों के तेल में पकायें सत आ जाने पर छानकर रख लें।


स्तनों पर सरसों के तेल से करीब आधा घंटा हल्के हाथ से मालिश करें। नीचे से ऊपर की ओर करें। फिर दस पंद्रह ठंडे पानी की पट्टियां एक के बाद एक रखते रहें। स्तन का आकार बढ़ेगा।

नोट - स्तनों की मालिश हमेंशा नीचे से ऊपर की ओर ही करनी चाहिये।

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 1

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel